What is Bounce Rate? Exploring Its Significance in Website Analytics

What is Bounce Rate Meaning? Why its need to minimize for your website growth?

अगर आप न्यू ब्लॉगर है या ब्लॉग्गिंग छेत्र में है तो Bounce Rate या Exit Rate जैसे सब्दो से जरुर रुवरु होना पड़ेगा क्योकि इसी से पता चलता है की आपकी ब्लॉग्गिंग क्वालिटी कैसी है। इसके लिए सबसे पहले आपको दो टॉपिक पर गहन अध्यन करना चाहिए। एक की यूजर फ्रेंडली ब्लॉग पोस्ट कैसे लिखें? और दूसरा की Bounce Rate का meaning क्या है और exit rate को अपने site के लिए कैसे कम करें?

 

आज के इस पोस्ट में बाउंस रेट से जुड़े हुए सभी important टॉपिक के बारे में आपको complete डिटेल्स मिलेगी जैसे: Bounce Rate या Exit Rate क्या है?, इसका meaning in Hindi, साईट का बाउंस रेट ज्यादा से ज्यादा कितना होना चाहिए?, वेबसाइट के लिए Good और Bad बाउंस रेट क्या है?, Bounce Rate को कैसे कम करें? इस तरह के तमाम सवालों के जबाब सहित पुरे व्याख्या करते हुए आपको full डिटेल्स देने वाला हूँ ताकि आपके मन में कोई भी डाउट न रहें।

 

अगर आप इसके बारे में complete इनफार्मेशन लेना चाहते है तो कृप्या कर के इस पोस्ट पूरा पढ़ें और कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करें।

 

तो चलिए सबसे पहले जानते है की:

 

Bounce Rate क्या है ? (What is Bounce Rate Meaning in Hindi)
जब कोई visitor आपके site पर आता है और किसी दुसरे page पर बिना विजिट किये ही आपके site से वापस चला जाता है या 1 मिनट से कम रुकता है तो वैसे visitor के percentage को bounce rate कहा जाता है।

 

Bounce Rate कितना होना फायदेमंद होता है?

 

अगर यहाँ तक आपने ठीक से पढ़ लिए है तो इससे इतना तो जरुर मालूम हो गया होगा की bounce rate क्या है। यहाँ से आप जानेंगे की site का exit rate कितना हो तो सही है और कितना होने पर नुकसान दायक होता है।

 

मैंने इन्टरनेट के माध्यम से इसके बारे में कुछ data एकत्रित किये जिसके जरिये आपको समझाने की कोशिस करता हूँ। इसको सही से समझने के लिए इसे चार भागो बाटा गया है।

 

इसे ठीक रूप से समझने के लिए मैंने इसे चार हिस्सों में बाँट दिया है।

 

1% से 10%
10% से 40%
40% से 70%
70% से ज्यादा

अगर कोई वेबसाइट की बाउंस रेट 1% से 10% के बिच में आता है तो उसे सक्सेसफुल वेबसाइट के category में लिस्ट किया जाता है। वही कोई वेबसाइट 10% से 40% के बिच में आती है तो Good वेबसाइट के category में रखा जाता है।

 

अगर तीसरी पॉइंट की बात करे तो जो site 40% से 70% के बिच में आती है तो उसे जनरल category में रखा जाता है जिसकी क्वालिटी ऊपर के दो तरह के site से कम होता है। वैसे ज्यदातर website 75% से 80% के category में ही आती है। जिसको सर्च इंजन में rank करने में बहुत दिकत होती है।

 

कही आपकी गलतफहमी ये तो नहीं की सभी site की बाउंस रेट एक जैसी ही होती है तो ऐसा नहीं है। अलग अलग niche के site की बाउंस रेट अलग अलग होती है जिसके बारे में निचे कुछ डिटेल्स दिए गए है जिसके माध्यम से आपको समझने में आसानी होगी.

 

Content वाली websites – 40-60%
Lead generate करने वाली websites – 30-50%
Blogs Site – 70-98%
Retail business करने वाली sites – 20-40%
Services Provide Websites – 10-30%
Landing Pages – 70-90%

आइये अब जानते है की आखिर क्या कारण होता है जिससे site की bounce rate बढ़ जाती है।

 

Website पर बाउंस रेट क्यो बढ़ता है ? – Why bounce rate increase on your site?

वेबसाइट पर बाउंस रेट तब बढ़ता है जब आपके site पर content की क्वालिटी बहुत ही पुअर होती है या तो वो content, SEO और user फ्रेंडली नहीं होते या वो visitor के प्रॉब्लम को solve नहीं करता हो तो इस कारण से website पर bounce rate बढ़ जाता है।

 

इसलिए जब भी कोई ब्लॉग पोस्ट publish करें तो इस बात का जरुर ख्याल रखे की आपका content प्रॉब्लम को solve करने वाला और user फ्रेंडली होना चाहिए।

 

इसको समझने के लिए आप ये टॉपिक को पढ़ सकते है:

 

SEO फ्रेंडली और user फ्रेंडली content कैसे लिखें ?

 

13 चीजे जिससे आपके site का बाउंस रेट बढ़ता है।

 

Site की loading speed अधिक है तो।
एक ही page का site है तो।
Meta Title और डिस्क्रिप्शन गलत है तो।
साईट पर Content की कमी है तो।
Blank Page या Technical Error है तो।
ख़राब Internal लिंक है तो।
Low Quality कंटेंट है तो।
खराब या अप्रिय user experience है तो।
Page मोबाइल फ्रेंडली नहीं है तो।
Website की डिजाईन अच्छी नहीं है तो।
Search intent के हिसाब से content नहीं है तो।
Easy to Read article नहीं है तो।
User से ज्यादा डिटेल्स की मांग हो रही है तो।

ऊपर दिए गए 13 पॉइंट के बारे में आपको ध्यान रखने की जरुरत है, अगर आपकी site की रैंकिंग या ट्रैफिक कम है या नहीं बढ़ रही है तो।

 

Bounce Rate को कैसे कम करें? – जानिये 10 आसान Steps में
bounce rate ko kaise kam karen

यहाँ तक आपको दो चीज जरुर confirm हो गया होगा की बाउंस रेट क्या है और किन कारणों से हमारे site की बाउंस रेट बढती है।

 

फिर भी आपको घबराने की जरुरत नहीं क्योकि अब इसका फाइनल solution यानी इसको आप कैसे कम कर सकते है इसके बारे में complete जानकारी आपके साथ share कर रहा हूँ।

 

इस पुरे लेख में अगर इसको अच्छे से समझ गए और सिर्फ इसको अपने site पर implement कर दिए तो निश्चित ही आपकी site धीरे धीरे पहले category (1% से 10%) के बिच में आ जाएगी।

 

1. Site की loading speed को सही करें

Google वैसे site को कभी value नहीं देता जिसकी loading speed उसके पैरामीटर के हिसाब से नहीं होती। अगर आपकी site खुलने में 3 सेकंड से ज्यादा time लेती है तो यह SEO के हिसाब से और user के हिसाब से भी सही नहीं माना जाता है।

 

गूगल सिर्फ उन्ही site को value देता है जो user को पॉजिटिव experience देता है।

 

आप भी यही चाहेंगे की उसी site पर विजिट करे जो fast load होता है और यही कारण है जिससे google आपके content को feature snippets में भी rank कराता है जिससे बड़ी मात्र में आपके site पर ट्रैफिक आता है। इससे आप समझ गए होने की page speed का सही होना SEO के लिए कितना जरुरी है।

 

आप अपने site की speed निचे दिए गए जानकारी के हिसाब से मिला सकते है की आपकी site किस category में आती है।

 

1 second से कम समय में खुलता है तो Perfect है।
1 second से 3 Second में खुलता है तो Above average है।
3 second से 7 second में खुलता है तो Average है।
7 से ज्यादा समय में खुलता है तो Very poor है।

मै यह कुछ best free page speed checker tool बता रहें है तो जिससे आप अपने site की speed चेक करके उसको कैसे सही करें जान सकते है।

 

Google PageSpeed Insights.
The Google Search Console PageSpeed reports.
Lighthouse reports.
Pingdom.
GTmetrix.

2. Website की Design पर ध्यान दें

वैसे तो पुरे site के डिजाईन को attractive बनाना चाहिए लेकिन अगर ऐसा नहीं हो सकता तो कम से कम उस page का डिजाईन पर जरुर ध्यान दे जिसको आप google में rank कराना चाहते है।

 

आप भी ये जरुर अनुभव किये होंगे की जब आप किसी ब्लॉग या वेबसाइट पर विजिट करते है तो किसी किसी site का look इतना लुभावना होता है की हम न चाहते हुए भी कुछ ज्यादा समय बिता ही लेते है।

 

ठीक इसी तरह से आप अपने ब्लॉग site की डिजाईन ऐसा बनाये की जब कोई visitor आपके site पर आये तो कम से कम 5 मिनट जरुर बिताये जिससे आपकी site की बाउंस रेट मेन्टेन रहें।

 

3. Site के Metadata पर खास ध्यान दें

यह भी एक बहुत ही खास कारण है site की बाउंस रेट बढ़ाने में क्योकि ऐसा बहुत बार देखा गया है की जब आप सर्च रिजल्ट में किसी site के टाइटल को देख कर उस site पर जाते है तो उस page का content टाइटल से अलग ही रहता है उसके बाद आप तुरंत किसी और site की तलास में लग जाते है।

 

अगर आपके site का भी किसी पोस्ट पेज में ऐसा है तो उसे जल्द से जल्द ठीक कर लें अन्यथा बाउंस रेट कभी भी कम नहीं होगा और वह page सर्च रिजल्ट में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पायेगा।

 

4. साईट पर Content की कमी को दुर करे

Bounce Rate अधिकांश वैसे site ज्यादा होता है जो site नई होती है और उस पर content भी ज्यादा नहीं होते है। अगर आपका भी site नई है और उस पर आपने जरुरत से कम content डाले है तो बाउंस रेट बढ़ना स्वाभाविक है इसके लिए परेशान होने की जरुरत नहीं है। जब site पर content की मात्र बढ़ जाएगी तब अपने आप बाउंस रेट कम हो जायेगा।

वैसे जब भी नये site की प्रमोशन शुरू करें तो उस site पर कम से कम 50 पोस्ट जरुर होने चाहिए जिससे visitor की व्यस्तता बढे और बाउंस रेट मेन्टेन रहें।

 

5. Blank Page या Technical Error पेज को कम करें

मैंने खुद ये गलती की थी और मेरे site बहुत ऐसे page थे जिसपर content ही नहीं था जिससे बाउंस रेट नार्मल ratio से ज्यादा हो गया था और जब मुझे इस गलती के बारे में पता चला तब मैंने सबको तुरंत सही किया।

अगर आपके site पर भी कोई page blank है या उस page में कोई error है तो उस page को ठीक करके बाउंस रेट को मेन्टेन कर सकते है।

 

6. Bad Internal Linking को सही करे

मैंने खुद बहुत ऐसे site का अनुभव किया है जब content के बिच में कोई लिंक पर click किया जाता तो वह page न खुल कर कोई और page खुलता जिससे उस content का कोई संबंध नहीं होता या कोई न कोई popup page खुलता जो कभी भी user फ्रेंडली नहीं होता है जिससे user उस site से तुरंत किसी दुसरे page पर navigate कर जाता है।

 

अगर आपके भी site में कोई ऐसा इंटरनल लिंक है तो उसे तुरंत हटा कर content को optimize करें नहीं तो बाउंस रेट कम होने का चांस नहीं होगा।

 

7. Low Quality कंटेंट को सही करें

Low क्वालिटी कंटेंट का मतलब ये है की वैसा content जो सिर्फ रैंकिंग करने के लिए लिखा गया हो लेकिन उससे user को कोई solution न मिले, ऐसे content पर बाउंस रेट का बढ़ना स्वाभाविक है।

 

अपने site पर जो भी content लिखें वो सिर्फ user फ्रेंडली हो न की सर्च इंजन फ्रेंडली।

 

अगर आपका content किसी user के प्रॉब्लम को solve नहीं करता है तो वह कभी भी सर्च इंजन में rank नहीं करेगा और न ही बाउंस रेट कम होगा।

 

8. Site के Page को मोबाइल फ्रेंडली बनाये

आपने भी यह अनुभव जरुर किया होगा की सभी वेबसाइट मोबाइल में अच्छी तरह से नहीं खुलता है या कोई कोई खुलता भी है तो वह मोबाइल के स्क्रीन में फिट नहीं होता जिसके वजह से visitor तुरंत उस page से navigate कर जाते है जो की bounce rate बढ़ने का बहुत बड़ा कारण बन जाता है।

 

अगर आपके site में बी ऐसा कोई दिकत है तो उसे जितना जल्दी हो सके सही करें नहीं तो तब तक बाउंस रेट मेन्टेन नहीं होगा।

 

9. Search Intent के हिसाब से content को लिखा करें

Search Intent के हिसाब से content लिखने के लिए सबसे पहले ये जानना जरुरी है की Search Intent क्या है और इसका क्या मतलब होता है।

 

इसके बारे में मैंने पुरे डिटेल्स में बताया है, दिए गए लिंक के माध्यम से आप इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते है।

 

10. Article या ब्लॉग पोस्ट की भाषा आसान लिखें

अक्सर देखा गया है की बहुत से ऐसे site होते है जिनका लेख पढने के बाद समझने में दिकत होती है चाहे वह site हिंदी में हो या इंग्लिश में।

 

बहुत से writer के लिखने की शैली ऐसी होती जिसको आप एक बार में समझ सकते है की वह अपने लेख के जरिये क्या समझाने की कोशिस कर रहा है।

 

इसके ठीक करने का एक ही उपाय है की जो post आपको पब्लिश करना है उसे खुद पहले ठीक से पढ़ लें अगर आपको वह पोस्ट पढने और समझने में कोई दिकत नहीं लगती है और वह अर्थ को पूरा करता है तभी उसे पब्लिश करें नहीं तो उसे सही से एडिट करके पब्लिश करें।

 

वेबसाइट पर बाउंस रेट बढ़ने का यह भी एक बहुत बड़ा कारण होता है, तो जब भी आप ब्लॉग पोस्ट या कोई आर्टिकल लिखे तो इस बात का जरुर ख्याल रखे की वह आसानी से पढने (easy to read) और समझने में आना चाहिए।

 

अगर यहाँ तक आपने पुरे लेख को ध्यान से पढ़े है तो मुझे पूरी उमीद है की ये तो आप जरुर समझ गए होंगे की bounce rate क्या है? और इसे कैसे कम करें।

 

इसके बारे में कुछ FAQ के जरिये भी बड़ी आसानी से समझ सकते है जो सवाल बाउंस रेट के बारे में ज्यादा पूछे और सर्च किये जाते है।

 

Fast Asking Question (FAQ) about Bounce Rate.

 

Q1. Good Bounce Rate क्या है? – What is a Good Bounce Rate for website in Hindi?

 

Ans: अगर आपके site का बाउंस रेट 10% से 40% के बिच में है तो उसे वेबसाइट के लिए good bounce rate कहा जाता है। इससे रैंकिंग में कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है. इसको आप site के analytics रिपोर्ट में चेक कर सकते है.

 

Q2. High Bounce Rate क्या है? – What is a high bounce rate in Hindi?

 

Ans: जब आपके site का बाउंस रेट 70% से ज्यादा होने लगता है या हो जाता है तब उसे high bounce rate कहा जाता है। यह आपके site के quality के बारे में दर्शाता है की आपका site user फ्रेंडली नहीं है। high bounce rate होने पर site को सर्च इंजन में rank कराना बहुत मुस्किल हो जाता है।

 

Q3. What is bounce rate in Digital Marketing in Hindi?

 

Ans: डिजिटल मार्केटिंग में बाउंस रेट उसे कहते है जब गलत तरीके से किसी user को sales page या लैंडिंग पेज पर navigate किया जाता है जो user फ्रेंडली नहीं होता जिससे user तुरंत वहाँ से leave कर जाते है जिसे Digital Marketing का बाउंस रेट कहाँ जाता है।

 

Q4. What is bounce rate in Google Analytics in Hindi?

 

Ans: Google Analytics में बाउंस रेट एनालिटिक्स के रिपोर्ट में होता है जिससे आप आकलन कर सकते है की आपके site का बाउंस रेट सही है या गलत है।

 

Q5. Bounce Rate को कम कैसे करें? – How to reduce bounce rate in Hindi?

 

Ans: अपने site का बाउंस रेट कम करने के लिए ऊपर दिए गए 10 तरीके को सही से अपने site पर लागु कर के site का बाउंस रेट कम कर सकते है।

अंतिम बात:

दोस्तों, Bounce Rate क्या है के बारे में मैंने कुछ अपने अनुभव और इन्टरनेट मदद से डिटेल्स को एकत्रित कर के आसान भाषा में आपको समझाने की कोशिस की है। मुझे उमीद है की इस लेख से आपको काफी कुछ सिखने को मिलेगा।

 

आपको यह लेख कैसा लगा इसके बारे में कमेंट करके बताइए ताकि मुझे थोडा मोटिवेशन मिले और ब्लॉग्गिंग से जुड़े हुए best blogging tips in Hindi के इस ब्लॉग को follow जरुर करें।

 

और अगर यह पोस्ट आपके लिए हेल्पफुल है तो इसे कृप्या अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिये share करके और भी लोगो तक जरुर पहुचाये। इस पोस्ट को पूरा पढने के लिए धन्यवाद!

Dhirendra Kumar

Founder & Editor

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